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________________ मारतिण नरविशा-मड्वेद हाथीदा चलाष किसनेवृक्षस पकरसमू अतिरिकत्र जनाकातिमा समुदय करीसहित। लमोटन न उापळी देवा धवला कमलनापन तणा इधका विमतवापीsa ममूह चनदादा ने mamalarialमाधवलयामलायसनवताविहालjeal सोनीम चउँविध ५ तेहनश्ठपहार सघलादिमिबिनिश्दीपन अनि कात्रीतरस तेदनश्शे उलमउयधि कोन सोननउचा कादक विस्तारश्करा दिसिरविष प्रमानना नाजिबुधनदा नहनुफल मीताना मह रिनश्करी कापत मानादर.रुमनादर ऊहस्य समयनिधिधवाचवा वहारिहिामवाचवदावयंतिसिरिसरपिलणाविसणंतकंतांसाहंतचारुक जबावसिय ३:५ वह ननुमा पविध सूधाला येरोमरुति चाकण कतिये किरम घणमामि लहपधा जलापरिनी नलयम अंग दा, शुचिः यानास्निग्धहना उपविनसहित ना पनसुवित्तक नाहर देह होतणुसुइसुकमालालामणिबविधिरसुबमसलोवेचियलहसुक्तिनसुदरं जेहन घननिवड वाढलाल तिधिकापुण विशिष्ट चोपड्यायह तावाश्मावेवेमी सौम्पदी उपश्वनिमारोबाउ महिन माहेजयापोलानहाते देवर धान उनकारश्रेष्ट जला नायलाग गयेहना बननहा वारणहारलापमाणसाशन घना गोषलेशघणवलहविविसिहिष्णगोतिष्यसिंगदता सिर्वसमाणामात निरदोषधला अमिनपरिपूगुणत मागला मुघनापरिमुषएह दृषसदीग मातीनाहा रवारसमुधनव्या वंजमानी किरण दाँतयटना इसउत्तष मग नव उपनदेवशा पदइसीहदेषश्चला रनउनिकरसमह पारणानणाकाण सुबदतवसहाअभियगुणमंगलमुहाश्तमपुणहारनिकरवीरसागरससंककि पपोटा रूपा माहामो परबत तेहनीपरिअघवातहटकीयाड्र रमणीकाय देखिवायोग्य सिर सबल ल हि वाटलाना नउ टन बिलाढ्य धवलउआकारवणयहनदशा तममोहर प्रेष्यणायमतामा श्रेष्टमा कोषकलाईयदनी। रणदारययमहामेलपिंडरागागरिमामणिधपिबरणधीधिरलहया वापर प EPALI रयल घाय alert-indiabotale
SR No.650029
Book TitleKalpa Sutra
Original Sutra AuthorBhadrabahuswami
Author
PublisherNagor
Publication Year1677
Total Pages234
LanguagePrakrit
ClassificationManuscript & agam_kalpsutra
File Size100 MB
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