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________________ वर्षाकाल डोलगपर्युषण पर्व तिमधविश्वर्षा कालन इंडोलग पर्युषणापर्व जिमध विपर्यु नई कर SUZ कार दासाएं जावपाद्याविति तदाएं घरा विश्वासावा प्राद्यास विंति जहा एं (घरा 3 पापर्व करता कर इ वर्षा काल मन एक मास' तिम आजर इकालि श्रमण निघें वर्षों का लन के वास दिनेस x विवशते पणि वासंदि, नजात वीसा झापाद्याविति तदाएं [जशम ताए समणा निग्गंधा विहरं तित्त हित एक मा सिंगरघ के ऑलगइ वर्षाकालि जिम ये प्रत्यक्ष आरइका लिश्रम ए नियंध वर्षा वाद्यासविति६ ड्रदाएं शमात्रा समानियेधा वा कालन में वास दिनसहित एक मासगए घके वर्ष का लिपर्युषण पर्व तिमा राणिमाचार्य आसवास इराएमा स विश्वात वासावा संपाद्या सविति तदा चायरि अयोध्याय वर्षा का लिपर्युषण पर्व करता आजिम अन्हारापणाचार्य उपाध्याय वयवाता करता दवा S 509404 उवाया वासावादिति उदापि चारित्र डोलगपणापर्य 'तिम अम्हे पण वर्षा का लन के वासे दिन सहित एक मास गए धके वर्षा विवासासास इराएमा सदिकालवासा करता याज्ञवपाद्यास चिंतित हा Amar Saka cpsivosdad CREAS G KA 3611293912 2
SR No.650029
Book TitleKalpa Sutra
Original Sutra AuthorBhadrabahuswami
Author
PublisherNagor
Publication Year1677
Total Pages234
LanguagePrakrit
ClassificationManuscript & agam_kalpsutra
File Size100 MB
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