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________________ विरजंता आर्यरचऊता ही आर्यस्येतीसाधानीकली विरन आर्यस्ह धादित अद्याक्षिता प्रहालयंतीसाहानियाघरमाणेशनास सन गोत्रसहितनी आर्यबुध्यगिरिविर शय कौशिकगोत्रसहि पावरमा रावसगुलामचायाममागिराधारानवामीकालियानावरमा पुष्यगिरिनाकैौशिकगोत्रन आर्यफलणमिव धविराम गौतमगात्रस Nishita जलसगिरि कासिगुप्ता अाफरामिाताधारजातवासीगाउमा हितः घविर आर्य फलयभित्र गौतमगोत्र आर्य बगिरि घदिर याधिस्मश्रङ्गफयमिता गायमसगुनमा अधणगिराधार शिय वासिष्टगोत्र घरि आर्यधण गिरिस्म वासिष्टगोचनो आर्य आत्तवासीवासिसानाधरस्म अद्यधाागिरिमवासिब्सगुक्ता अद्या (सक्वति घविरना शिष्य ऊष्यसगोत्रनउ घविरन आयसिवन्ततानउँ ॐदसगोत्र सववसधार आलवासाऊसयात्रीहरसणं असिवन्तकसम ऊच्चसगुन
SR No.650029
Book TitleKalpa Sutra
Original Sutra AuthorBhadrabahuswami
Author
PublisherNagor
Publication Year1677
Total Pages234
LanguagePrakrit
ClassificationManuscript & agam_kalpsutra
File Size100 MB
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