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________________ अविर दीर्घ छविरतिम पांफुस १२० वला घविरमा आर्य संतृप्ति विजयना माठर य? वनयमा निश्चतामा हानिका सा बचाती माँशरय दाइलाई धरिताधारी गोत्र हिना एकही ना साथ रागात्रात वासि जाजरख दिला२ वलीता तिम निश् तेदी मा सेना विना रतना दिनेवला सी अस्कायडस्क दिला त्यातदाच वलय दिसाय सणावारा धूल नाकदा घविरना मार्या लिना गोत्तमगोच सदितना एकदा सा विधविर पुत्र सा नया घरसाधू सदस्य एवायमस गास्म शमादा घराच्या वासा राधा कही ता जाणिवा तिकविर चार्यमदा गिरि एलासगोत्रसहित घिि हावचा अलि सायादाचा हा घर महागिरी एलाक्स गानाधार आर्यमहागिरिना र श्रार्य सुदस्ति वा सिट गोत्र सहित धविरना एला गोत्र सहित दीवासिगान घराणं श्रद्यमहागिरिस एलाक्छस गान SO
SR No.650029
Book TitleKalpa Sutra
Original Sutra AuthorBhadrabahuswami
Author
PublisherNagor
Publication Year1677
Total Pages234
LanguagePrakrit
ClassificationManuscript & agam_kalpsutra
File Size100 MB
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