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________________ Casar वित्रवल अंधार तेद्मादे श्रामि दिवसरपालिश्वेदल दरिस नाम शिविकार प नईदिवसि सागि समय वि जल वितयतमा मापक दिवस सिविए द बता मनुष्य सुर सहित दाल मगर विना तानामराज्यधान ह सदिधमण्या सुराए (रिसाई समयमा मामाच जागविणारा यहा मादमाहे नाकलनीकली जिसां निधाऽसिद्धार्ध नामावनधान जिदांति अशो रामशंमाशांनि गाचाणि सिवा प्रधानतिदां निश्वाश आवीकरी प्रधान लग आप नई जावय करा 98415 उत्तरा घाटा गवर पायावात वागबती सागवर पाया हाधिव्यारिमुष्टिक लोच कर मालोचकरी बहत बिपना पाणी रहित चो नई सप्त विहार ति एिका कर मन चउमुडियालायं कारणं पाणए आसाठा हिं नामानष्पत्रि चंद्रमासंयोगा उग्र कोट लोग कल वयस्पमित्र सामान्यप्रकृति, वली वि बालघाणा सह कल कल तिष्पत्रियतियांने ऊं नरकान्त भुवयां लगाएंगे राजन्नाएं। खत्रिया च च धक
SR No.650029
Book TitleKalpa Sutra
Original Sutra AuthorBhadrabahuswami
Author
PublisherNagor
Publication Year1677
Total Pages234
LanguagePrakrit
ClassificationManuscript & agam_kalpsutra
File Size100 MB
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