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________________ धान कमल तणीयरिवदन एकोडालस तेहभी सार्या देवानंदा नाम ब्राह्मणी जालंधर गोवदनी ऋषिरविषई गर्भपाइ ऊप ना सुषमयन लोबानाथ कोडाल सगोत्रस्म। तारिया यादवाणंदायाजी (लेवर सगोता। ऊच्चिं सिंगल तायवक्के देष देखीकरी हर्षवंत संतोष विज्ञम आनंदसमृद्धिप्रति आप्यायन परुष्ट सौमनस्यत लामनन दर्षस वैत न सहिन हुआ सहितमनबित न नावल करा तपाम पामज्ञा | ह६४ चित्रमाणं दिए। या यमाया परमसोम र मिए । हरिम विस्तार पामतऊलस सर्व जेदन दियउ आहाराप नीपर सुरतिस येऊसमफू पुलकित रोमांच उसस्था रोमदे हरा तिरपरी परि कपर विष‍ मदनी धराईक बन गय धर्मविसमा दिययाधा राहयनीवसुर हिऊ सुमचंचुमाल ईय। कम विय रंधरविष विकस्थालगवंत अवतरक घातलर इविषश्रवतरण चाला सगवंत गत्पित्रिदर्शनथकी ऊपन आनंद इयेदनउ विद्याय की काप्यावर प्रधान कवक कांकरणउडित नंदन श्रतिशयतिणितल्यावर प्र रोमक वाविय सियवर कमल व्यय । पय लिय वरकड गडियाकः बदिरषाके शस्त्रगदबाज मुकट विकाऊंड लश्मादिकात्तरयेहाले न मातीस लंबा यमानटिर आप इस यत्र तेन लनातरण नमो तीर हारिमतामा निहाय उयेदन मुंब त चालत सरणचा तर धरण करमाडऊंडल दर विरायंत वाळा या लं बलंब मारण घोलत नसणधरी आदर उपचपलतामल सुरेंद्र सोध में प्राकमानाम सिंघास उठ दित इस दिन शक नामसिंघासरण का उीकरी नऊंती समलमचरियंतंच मुविला सहा सात रहन सी हा सण उत्रनुि SEAR magic J
SR No.650029
Book TitleKalpa Sutra
Original Sutra AuthorBhadrabahuswami
Author
PublisherNagor
Publication Year1677
Total Pages234
LanguagePrakrit
ClassificationManuscript & agam_kalpsutra
File Size100 MB
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