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श्रमएसगर्वतश्री सात सय सिध्य मोषिगया सीधा लगई चन्दद सहस आर्यिका साधासाधा महावीर विनई सर्वधकार दिन आ मोषिग
हाळा ममरणम्म मत वा सिसया इंसिया इं । चोहमा धिया सयाई मिघा । श्रम सगवंतमहावयत्रोपपातिकका मनुष्यगतिर इविषकल्पास्थितिरशवत आवत जियांनख २
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मिलानको सियानराव वाति या संपया होळा । समरणम् ३५ विदा तक भूमिकाई तेजिम व जुगत पर्यायांतऋत सुमिकालात्रिरुषतां महावार तू मी [हाळा तेजही जगत तम । परियायं तकडम जी बापुरम जग युर्गात तत्र मिका लगवंतन केवल ज्ञान ऊपनाचा विऊंवरसे गए दिवई महावीरता को कहवा धाक मुक्ति मारगवत पर्यायांत तमिका तिराई कालि लिए. सम अम
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जी जयंत कर श्री महावीर दिन तीसवरसट स्वावासमा वसा करी मातिरेक अधिक बारहवरस मी सारा पर्याय अवल
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