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________________ सदस उतट श्रमणो मात्रा कमी श्रावकनी संपदाक६ि० श्रमणलग वंत श्री महावीरन खुलसारवती सदस्मारका मियासमणे। वासयाग संपया हो छ। समस्त नग उंमुलसाररखती प्रमुपश्रादिदई श्रमणे याचिका श्राविकानी ती निसत सलाम परिवारसद उष्टा श्रम सामोरकसम गोवा सियाग ति णिसयमा हस्मी तंत्र वारस सदस्याउको मियांस पात्रिका श्राविका ती संपदा 180 श्रमण लगवंतम तीनसय चउदर पूर्वनाधरणहार केवलानी ४० हा वारन मगोवा सियाणं पया हो मम एम्म ३ तिट्सिया [वा हम पुती । अजि केवली सरीमा सघलाकर संनिपातसंजोगजाणिव केवलानी परिमत्यक दणदारतियांनी न करी खा। जिसका सारास घरकर से मिरकरवादी एं। जिणो विववित देवाग उत्तष्टाव उद्दश्व धरण हारसाधुमी संपदान दिई श्रमण लगवंतश्री महावीर तेरहव दवनइं गाउको मियाचाद्दम पुत्री से पया दाळीस मण समय लग इतेरसस या उह उत्तष्टा प्रदधिज्ञान माधुनामाई ४३ श्रमणलग वेत ज्यानी साधुनी ग्रामषैषादिकति चाय तिए श्रम दिवती यांनी यतिमा को सियान दिलायां संपया हो होसिमरणात MIN biradadoreling Dated Nach Slotravel adsp M Ամ www.inelibrary.org
SR No.650029
Book TitleKalpa Sutra
Original Sutra AuthorBhadrabahuswami
Author
PublisherNagor
Publication Year1677
Total Pages234
LanguagePrakrit
ClassificationManuscript & agam_kalpsutra
File Size100 MB
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