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________________ रात्तगवतमहावी सर्वऽपरहित तिणसचिवला नवमन्त्रका नवलेछकी कासा कोदालनास्वामी जालगा जायसवधरकमान गरियणियपावमलईशावालाईकामाकोसलगा। अठारहनिछः गणराजान अमावसिरइदिहाफर संसारया आवदररूप पौषधसहितधामक रनाशा यहारसविगणरीयाणाधैमावसाएपारोतायापीमहाववासपत्याग गयात्तसगवततावाद्योत योद्योतरत्तनमणिसंबंधा लिाइरात्रिवली श्रमण गवतश्रीमहावार सर्वउपर अद्यदिनेदीपमालि वाड़ी कूरिस्था.शौसा.विजीलग कालगताहतका एसत्ताधाएं दवायायंकरिस्मामोरयणचरिणसमजावसबारक कापवीत ३ तिण रात्रचूला बुध्वरस्वतावनामस्मराचितीसमोमदामोटोयह बिसहअवर्षनास्विति शा लोध पहाएगातरयरचणेखुदाएरणामंतासरासामहगादादावाससहमति श्रमणलगर्वतमहावारनाडालगई जन्मनकवरविषसंक्रम्पो जिणदिवसादिदर्शवली तीसमारणसमसगवतोमहावीरस्मजम्मणरकतंसंकजिया निश्चणासख तिषुझा लममराबिमिहान्यत बिसववर्ष वितिसहित प्रमाणलगवंत ग्रामन्तव्हाचारदिवादिदेवा घाएतामरामा महगोवाससम्हस्मम्तिासमणस्मसगवतोमहावीरस्म L ionalisaritration
SR No.650029
Book TitleKalpa Sutra
Original Sutra AuthorBhadrabahuswami
Author
PublisherNagor
Publication Year1677
Total Pages234
LanguagePrakrit
ClassificationManuscript & agam_kalpsutra
File Size100 MB
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