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________________ अवचनमात्र मन विहारा जिमा, काशी ब्रह्मादेवा मुनिया ही दे बाबु प्रिय अविवध वचनम्हार संदेह तामपि श्रवित होमयादास दिमयादा इचिय मयादा पाडोळ्यात कालम सादर करणाॐता व धर्म नायकी सास ने जमकर प्रतिमा का करीवेकि सोदिणा संगम क पृवचन दिवा नुप्रिय नार W दारासम धनाए वचन ईन लतिकमा रायन विदारंगद 2017 डिलियामयं दाम गए समाहाम जाह यं मुनिव्यहत्रि कहु । [त सुमिरणसमंपडे वाजीचानाक ममगत वतामा देवरमपें पिमाबीले ऋषत दन ब्राह्मण संधि उदारप्रधान मनुष्य संबंधिया काम लोग लोगवती घकी रहरका य४॥ श्र स्वर्ययुक्तपणा ऊती ईकरी विश्व हवाई देवता छ | शा| उस तदले गां मा हरण | महिंरालाई माणुस्मा । काम लागाईनु जमानी विद रखे पुरंदर य तिथि कालि तिणि समयइ शकुनामि सिंहास निव दिवतान देवता वज्रदा यार हाय मुना पुरविदारण यातायात सतिशक कहावाई नडराजा "येदन व जवारणा ऊतीपुरंदूर कार्मिक खते ऋत कहीय । साक्काद] विदि। दिवराय । वही पोरगी पुर दौरो सयकः यो तापनि कहबा * नइनविश्रान वशितयका आहे कंत्यादिकगुण व कराश्रधिकमनाते देवराजाकहवाशा वास इई हां महिला सीष्ट रशी ॥ तां का लें | तां स मे कापी हमापन ४०० मघनाममा लवनगरिन रसिया मेरूपरब नयका दक्षणाई बनीस शतसहखलाष विमाननउ तेश क्र. 3 इसके क बहनो मतिमा मुतातीया आल देवनावसिस नामालोकन पतिस्वामी दिशशाक शासन दिन इस हवाई सहस्रके । मघवा यासां सरण। दा दि निहलो ग्गा दिवशी बत्तीस विमाण मय सहसा वानमद वाहिला पल इसहायक अधिपति स्वामी खेरा वरणगज पादवता देवतान अबस्थाका मनापरिस्वरुप आलगतिश्रयण धान किया व हेमोन चार नायन आहलाददायका गाइ रज रहितश्मावस्धरणहार प्यामाला मुकुट माठ सोलन प्रत्युग बा दिवई ऐरावण वादा। मुरिंदा रयं बर वळ धरायालय मालवाडा गवाहमा असावा अथवा एकवायद नवा बियातकिया वामवा लयीत विलियम तावानियतॆडिय पडिडिय कहवा श REALIS उम (bate काय
SR No.650029
Book TitleKalpa Sutra
Original Sutra AuthorBhadrabahuswami
Author
PublisherNagor
Publication Year1677
Total Pages234
LanguagePrakrit
ClassificationManuscript & agam_kalpsutra
File Size100 MB
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