SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 77
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ नकाशस्या जनावरमार को नोस्टिमनमनिलदी दायावनशिपयारो. कम उमगनीयानही उन्हमुमसीरनामामदामोदविनायायो किम रामेहमकोरिडाननाराबासकीनही वीर शिवमधाकायराछहारी बालकला दतीनधीकरिवेक्शिावादारविमलपुरीनगरीविदोके विदोश्रालामवदा तदा किंदोडममममलानमा किछईकोलिविवस्वालको केक कोरडाउनधी के शिकारवातागमारक बनतनवकवरी करामाकरिताको शियदयाननदी का सम्मादिमानवाचोरमकरलाडीदेवस्या कोलम्साताविशनों के २० रटामालास्टमासी के निवदनााकीर हे मादा कियातनाका शाखाड़ी चावाशाशहा कि एक समानसूसरितविन्दव्या कलव्हिदिललिगार हो जानवजाई। कोश्वातनाये मरदासुखनवराक्विारदाको रूहाईडामाईलामिक्षा व डिामरुसे। लमरेगदी विनाविवारचारधरसदालतोमालवन्गदी रक्षादिक्षामुनिराकानी के अमननघटएव्हर सरवनारसनारि वामकरीदा लेदो क्षेप नशाशयासानी वातीलखिदायडरदर्शक वानिमननवाला मार देव नाहिंसनमायमरे सेवामा डोरेममयाजोडावस्या के विवामिनासचिव्ह.सरि क एरवदनिकालाधरी का तलासनदीय हिवापर करवरचंदवहिद स्मुकश के शिजनकार दिरवरे के कदाविपनघटेवधेत NEducation and larary.org
SR No.650028
Book TitleChandraras Patra
Original Sutra AuthorMohanvijay
AuthorKesharvijay
PublisherYakruli
Publication Year1760
Total Pages208
LanguageMarugurjar
ClassificationManuscript
File Size97 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy