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________________ वंदराम नरिंद परवित्त्रयस्वीनयरे कामकरी गोवंद ११ बाल वाली देशी क श्रालानगरी घणी निलीप्रतिहार वेदनाकार २ उश्नर बोल विचार बोल वेदना गगनेंगी यो पद जावा हकिमकरेरे को गटकस्या एकंद व मी कोलार कोई मोर को किम र बाबरे मां लहलको सूरच. ३ बानो कम करानेर हेरे मृगमद के सुवास साचामने जयारे वेदप्रकाश करीतेोंक मचानृकदिल किस्पुरे गोरहि चलाऊंरपरा तिरकम दा गासम आक्रमक दिने मुझको सिमाविदक वेदसंशयतिहरेदार निक चलनिनामनेरे एहाकिमले बदिवादिनार मकाऊं च च येलिलागततादरी लागतिकीय तालागसीरे दल करण है। यच र राकेकिम र टोकने स्यामाट वेलावन में बज मानववाद च २० कदे सेव मतपुर गृह स्ये कोश आता द्या तालामगीरे मुकामक रोस व ११ उमस रिवामाटार साइम तोकिमा किम गिवर से मिद क २२ उमदवसि मेरे तिस बिल दियनिरति ङिदादवानर से बिइरे तिदा | नदविफलयत्तिक २२ गुणस्वामीमकोरे कारिमहाराज मानामा दरीवान तीरे से २२ २२ ary.org
SR No.650028
Book TitleChandraras Patra
Original Sutra AuthorMohanvijay
AuthorKesharvijay
PublisherYakruli
Publication Year1760
Total Pages208
LanguageMarugurjar
ClassificationManuscript
File Size97 MB
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