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________________ तार निरीकर गिरिवरसारिखादोजी महिमा दधीतितोपमम दो दिन १६ नारथश्एमनवानादोजी कावेंश्स पीरविशतिमीतली होती मोहनविन दा नदीनालगायकी रेलका मध्यधावदार या विविध नाचोक (जलोटालामदी लांबव जयाकार वारिवृद्वितितास दिवार पाया दस सदसति दो प्रेमी लहार शैलि सदसीयलतियां क्वाशिवाविचार न कर दो की रानी बेलाट द्विसदाद विदशकका तुलवईव तलमुख आयल सदसदसद जएको दारसहस एकल मानसदामत र ए विरक्षक सुर सदाशा तालाव एवाल समुए एदनोबललाव ६ माता करते तसद कारसुरंग चिम ती सीमा ढाल मारेरेसा मावाजी "देवशी राणीनवयत्रवन सुमानि खेति दोवनीतेश सासुरपति नावन ईलो के गलाओ नवरंगनारविष्टा देवताबु मुनीडूमतालतमाला ना पुस्करेगा यनियोविशाल रू० उ मममनोदरतिर पाईडइ कि केन की ओदसे देवी सलोनी गगनीम (असलऊ सुमदिदिशि सल्या परिमलयवन सुदाम उयोति Mary.org
SR No.650028
Book TitleChandraras Patra
Original Sutra AuthorMohanvijay
AuthorKesharvijay
PublisherYakruli
Publication Year1760
Total Pages208
LanguageMarugurjar
ClassificationManuscript
File Size97 MB
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