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________________ हिं के विश्मेबोधीकोन नाशवान देने मृगमदबश्योनास्ववनहायला निरि बससीदारविंधान नावागादिकतिलमाहिश करन्यायाविन नाथ गरचेदानगीवीकार की पसरायश्मिरमा-गन्यतनुधावटीहि जगालयसलब दरमसुखतरसोरमारेको वेदवछरतिणिवार नउरावणदीवरिहकर अादरविधिकारीडागाराहि के विरगश्मा सोनारमा गिदश्विरी रासमादे के वनितानवसुधा नामकरसंशाहाह कैम्योपदविवामनारा बिसुरितकाग्याजद को दानसायगयगि म नरामविएबिसबलाहक चनरोध सन सिरिलरोगावलाह योगासनाने केतनय निरबरकांतरे के कयालय यिनशेधनबालीसकहिं के वालिमकेरूस्तसय नमिताचलचालाय के आणनिराजोन नाजीमानधादिचारपाटे को एतामाकविज्ञान र काकरेण्ड जास्तता के वोधाबाधाडानावसंगतिलाशजद के एहवादासरीव ५ विगा कोईकऊसंगतिह लेख एहामानहासंदिहावी न समसरिमोधातमबतह गदसुशीलाए हमारसोबासाबननेगमेहेक अतिटकारावारासिममतिगारीकचारद एघनसार नरवायोगारकारने के बोलनेमदिनादाय नकोसत्काललाई हक मध्यमतासमुदाय माय सिममानीय मनीद के इमामुमनिरमाया शीदाका CEstoninhem ary.org
SR No.650028
Book TitleChandraras Patra
Original Sutra AuthorMohanvijay
AuthorKesharvijay
PublisherYakruli
Publication Year1760
Total Pages208
LanguageMarugurjar
ClassificationManuscript
File Size97 MB
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