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________________ परिक्षाकरणसमस्चन्यरिएइदिशानियोचसिरियरवदनिविस्तारसुसतिसयाच इतनतिष्टास्वमारगंगाडिय-निरोगलरसारख्यप्रायधिश्वैशी विकाचार्वाक नियनियुक्तिकरिमादिनिरिएकाएकाधीयानकि कर श्रन्ययांचा कमतीकहरे मनित्यक्षपामार वस्तुसमलविकासपीकाकनुमानधा एसोगमतोय या कालिमाटोस्थिकार सेव्यसवासानुमान गटानुमानजायमाननिरे एनेया। विकासान ये प्रत्यानिअनुमोमकमायगनेर लडिनमय कोईवाएकाशर्शिका रसंदरगनसरूप य ऊगतएशनस्यमयकाई कहिर स्वतावअनिलकदकोय काईका हिंगशशकागोयामार वासुतसमदायक घट्यघटनामसकियटरप्रेक्षमा त्यादयस्यशिनाश्तयाकरिनाधिकार मदरसराएमा वेदाचारकरबतविदामरिक श्ताकारकास्यवान साहित्ययावीशाहिस्यमवश्श्श्स नाकारेवयाला काव्यकारवशाकालेकार सरिससमस्यासंघवंचिशेरगयौराणिक्याम्मारिरामायणसंबंधायक एक जननायववस रतनतरियलकटिंडीशास्वनिपुणशादाननिदोविकिबाविरदास्याबछियाय daa नवनवर्गमूलादिकाशितनारे ऋतिरिचयझिंडा ऊोगसमदादिकमावनिरे दरियं प्रवास ये ११ शधियादिकायहरगन्निधकारे वयिहानाशिस्वर खिरवग्गनतिमान Der Education a l org
SR No.650028
Book TitleChandraras Patra
Original Sutra AuthorMohanvijay
AuthorKesharvijay
PublisherYakruli
Publication Year1760
Total Pages208
LanguageMarugurjar
ClassificationManuscript
File Size97 MB
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