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________________ चंदरासयच वामि स० एनेतिदेवेड्या एकवारम स० ६ ० सं इतनदौठो तो मस तव राणीक है दानें चाऊल किम श्रमसः च इदत मिश्रावास के इ रविडोद सावंत राहणे श्रवलीशीरएड बीनी सुगी राजवत्तस्य कश्ती श्रीराम सायकाम सदा सिवें जोकक सतिम बाली कि मनीरा नदीतेझिम स० १० वी० कव धूसमएसरा नया मातीरेखेत राजनक है निदिशने स्वेतनचेन स. ११वा० वा कास कुरा करें तर राज्यनरकदायक सदा ति हाकिममुं एमस १० श्रातमकरसे उन्हें परमातमाचेना. एमराना कागलकरें सी० कारिकानिन्येतलीऊरा श्राणा एहनी देवसारसनातला ते सधै यातनदेम स० २४ वी० तिगरात कामगार स. तोच खरातडीने हवे लेनं संयमसार स० २५ वी नृवंशदतीने काह शस्युमे गालीगलोग यादी ॐ नृयमित योगार दी विश्वरालाई ताला सजीवां वा दारमतीतच न कहानी विनीत मोहन कहे नवमीनदली दाल नमानेनारिमी श्योनमी एक १०
SR No.650028
Book TitleChandraras Patra
Original Sutra AuthorMohanvijay
AuthorKesharvijay
PublisherYakruli
Publication Year1760
Total Pages208
LanguageMarugurjar
ClassificationManuscript
File Size97 MB
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