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________________ किंकराडि अन्यसुरासुर संकरा दि० जिय-प्रादिगुसमन कलि वासेकर्मानादिरादिय कि उनै प्रणामी स्वामि ननमै इड करा कि सि० तीक सुर ससेबाद से वे कोई रा जि सि जय समेतवदवत्ता उच्चारायन लारा ि दलाल सर्वसारा सिर गाएक तादरिसक्तियश्यरा जय शिव सदोदितादर्शनक्ति मुमने देखि विइित्यादीक रक्ततिको च देमन मैतिदोडिए जियफिरिफिरिचितेनरिंद्र सिंहोगिरिवर क्ली से किंदा लिए १० लिया व्यदिरा बारि चारणमिति दोदेदीग्राजि शिय निसुलाललील जय देवा राजा राणीच्या लेदी या दिए यि ११ बोलपणा दी। शिव वरवा फेरो फिरसे जिए जिसमें लेने की समानवय डिजि दाधादासीइंदोमि मकरमास लिए विदेगमिष्टाध्या वेद केला कीजिए व झिंग विमल मोईसर संवसंतविड० दासीया मादोन पापीय कमलानवि झि० २४ जिय विस्तररिमेवात रेड्यानरनारिवयि झि घरिघरिवै ददै लोक भाईबाई झिझिए वेदलपीनरनारि जीवनिक कन्या डॉय डि गद्यान वनवरंग पीना घईदया झि० २६ जिय मोहनेोकास ढाकदी सातमा यि गिलि वेदना वात निपोन विकासमासमीजि २ हा मकर मंदीदल ययती लिमउमिनामा देबमनी माता रमाव्यामंत्री सकल दास
SR No.650028
Book TitleChandraras Patra
Original Sutra AuthorMohanvijay
AuthorKesharvijay
PublisherYakruli
Publication Year1760
Total Pages208
LanguageMarugurjar
ClassificationManuscript
File Size97 MB
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