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________________ चंदरास साक्ष्म० ३० ला देबोए हने दो लाल वास्येदिव्यता और कोई दिवारे बाल क० अगगतिविपरीत मय ४० तात वचने प्रेमलाल मोहवडरबार एकरी दो ला लेकवतार मानाधरनो एबिधे दो लाल एमु समानम० रामबीएचा |दश्करा दो लाल तिघा ६० ताते सुतावचन है। लाल मे क्या सेवकन सम० अरवचनैनटावा हो लाल म्यनृपतिसविलास ०७० मा मु लादोलाल दी कार कायम तव शिवनैक है दो लाल सासनमुखोटा म०८ मा दलाल प्रेमलाल चीनोद म० शशास होता वाचल |मएद म० एक० सौलेंवरसेंचंदना दोलाल मय झालीयति नागे हतो होलाल जाने वाले दोल्दा एम० २ ० है दो लाल तो होईन् मा माशमानस्यु दोलाल तेलीतली दोखाल माघ स्त्रीच्या मण्उमघाको ईडी रो नदी हो लाल लावा एकदा एकूण निलीन कंदै दोलाल एम कमरा एनमजनमत दो लाज मैंए के दिवाम म क होता येत अचानो होलाल थापी राजा होयम तौर महोला सेकस कोय ० १६० विसांतला हलाल र के रुकमकने दो लाल कावयविचार म० हरमे र धार०० नृपपिया होलाल एहचउरनेरि ย १४ heary
SR No.650028
Book TitleChandraras Patra
Original Sutra AuthorMohanvijay
AuthorKesharvijay
PublisherYakruli
Publication Year1760
Total Pages208
LanguageMarugurjar
ClassificationManuscript
File Size97 MB
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