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________________ दरासव जगाम गिगा गायाराम‍का ११ यतिराज्यीय लगाते को बेलमारी ताराबोधाका आउरेशीररि ५२० नटवर निवारक ल ताबारे कम सूर नायुतन करे या कहा समजावीरे ये ॐ एनी स्वर व ये स्मत्रानो समाई चार देश सिधा स् उमन दोस चटाई ०२४० लोक कमरायकोने लोकवचन मन चोली रे निश्मंदिरयो हासन एवैश्यतीविदालीरे ध १५ मीश्रवसरतशमकरसर बोल्यो ॐ कुमरारिस स्पैति स्वरनगर घरोघर सुवास टाल लगायारे ० १६ वालीकाला सा उदयोगता साबरिये सत्तावीस मीलए मोदासनीनाबारे ० १० ॐ वरसोलली लीलाधर तिवारि परदेश चाल्यावदी घरसवार राज्यपिन र द्यौ कि में मुक्त रहने से केन दाय में लीलावतीत षटक्यात २ कटखरायो माया दिलमंत्री नाणी बरो दलाल चूक ३ मुरखोली भूरीटी श्रीमतविबोड बिलमै यामीचेतना गमाविरहनी वोह ४ राज्य के रूकमो करपातनदि विदिकिम सरडया मोहक करा एदवो नगर में भ सूपतनवि लावताना शनि ह रुकमत बालके कलमोलली देश मेत्रीवीकाकार सुरिन करना सोधपरसी मे सेवक यावयास स्वामी मी रसीद गुगनरनारिहनमनिवस ईकारे सु० नटनाटटमादि ये दास सचिव सु वार्न पूरे म्
SR No.650028
Book TitleChandraras Patra
Original Sutra AuthorMohanvijay
AuthorKesharvijay
PublisherYakruli
Publication Year1760
Total Pages208
LanguageMarugurjar
ClassificationManuscript
File Size97 MB
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