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________________ तुमने उडदामा वनेको दोवेमाणस तो निरा दोसोमानीबोटमी तो कमी कहा जो केव लिलोद से कम केवल कालिगये। दातुमतिदिवसीसा वीरमनीनादीनी तालीमाटी जानोस्यो मायरो कामीने यांबियाची नदी वा रूक जे समका वास्का महश्कचिपटना इमक दीने हलविस र ज्यानिट इनिडर मनवचनमुस्वामी मनमानारिनाक ७ इतक्चन योनिश्चलमा यागलिकी मालाओगे दुकहिमाचल वाला हयवरयामरामा शोचडिया दरिया होमर से नलिई चान्य रहिस रोकिम करामा नीसामी की हरियो चरा पा संसरमें गरजा रुक एवेंज आता मला ने मुमथाबलन हो सबला ११ नारीमें दीवीसी नागा एदते नृपतियालागा वीरमती निरगावे ही मरेमनन व्यतितात्या करा रावतसचीनमा करोलीवचनन ऐसा दमास्क लगतार देता और कामाला दो 5760 ary.org
SR No.650028
Book TitleChandraras Patra
Original Sutra AuthorMohanvijay
AuthorKesharvijay
PublisherYakruli
Publication Year1760
Total Pages208
LanguageMarugurjar
ClassificationManuscript
File Size97 MB
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