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________________ सर्वश्र कोची उमरस्वत एमबिलियाराडा के होए श्रमेकमनावेदार करियेनुएको धर्म शंसा प्राणीएक दानेति कन्यामश्रे नापोल तीला एनएसजी गाररे ताने नरे कमांकन हीए संन्यरिवार करिविवारला नवचनमरिवदीए । राम् वासमा वितरे बायोलाई सोए मिह सामुमात नारबीच सीधा निकोल ह्यो लालचीरे उऊ में मुक बात कह्या सरिमान घी से जनश्वरमुमश्रे दहा कधी तमाशात कोनसातली घरेको वा ती वचनमारे ऐकीतिही कन्या था। विनियमेनामदाराला वनपतिशमनए ए एतीनकन्यारे समावर ते ज्ञानामिवाकाई पलता वो करस्थोपरे भने मेरे रायवान स्वामी ११ बैंक न्यानीरदे। श्रीकरण एकवार मारीएकोमा विचारावरा माता दे दामनीवारें लेकर बेमनमेरेकोजोमकन्यारे तोय कराए पनि forg
SR No.650028
Book TitleChandraras Patra
Original Sutra AuthorMohanvijay
AuthorKesharvijay
PublisherYakruli
Publication Year1760
Total Pages208
LanguageMarugurjar
ClassificationManuscript
File Size97 MB
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