SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 59
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ काला जिला कर मानकानि जितीक गमियका निस् देत सगर्वनरक्रियाधानका पिताकालिका नाममा कालिमावादन सितिगामिय का लिए दाना सादिक कहिपविसुवियाकी श्रमीका लिएर बलादि कनिकालिकिकी गामियका लिविकको जागा स्पा वानरक्रियास्वान कालि वर्तमान काल से पाता जीवास व गायिका लताजी वासवदतरक्रिया स्थानका पानकनकरतक्रियाघान क क हिचा की जात कढी व्याकलिंकारारिस विजयसिंग रुमना विजयन विलंग ज्ञानक्रि काल्पि मारिक स्मामिकताएक किरिया नियमथा जय आमतोला/सावापयाच संवासात तिचा नासिम्तामविचाप यस विचासर्व तवासविरतिव मामि इह खलुगामा गाएगा दान नानासाना नानिहna लिकंसलरकरण चिलरक रंग बिसरकारकयल का गाल रक एंग मि लावे तिचा प्रामविस्तवावादवार समेकि तिरंचपुरिस विजयंवितेगं माइकि साला। नागादिहाग/ नागाह/नागार पतित मंासुवि हिसान विष नानाप्रकार नामनिनानादाविचित्र काशिदन प्रिय नानाप्रकाशिदीचा नानाप्रकारिष्टित्री मित्रमदिनकाननादृष्टिनानारुचिश्राहारविहार स यश्रासनवस्त्रालायानं वाहनगर दिनादिक भी नाचना प्रकाश ना कर पालनशिलाक मीदिका नायक जुहिनाला कापला कमरान नाव नाना प्रकाशितजदा केला मिमिकेपादिकाजन विषमकदीई इममालिजाव3/3ाता काशिदवमादिक सर्व शत्रजनादिदर्शनात उल्कापातामधूष्टया दिका गेला नत्र फुटादिका सर का साया लादिकस्वरन] विद्याल काय चक्रादिकातिलम सादिकालिकतालार्दिको रिसल रक सामुद्रिक शास्त्र प्रहार गर्जम
SR No.650027
Book TitleSuyagadanga Sutra
Original Sutra AuthorSudharmaswami
AuthorLalchand
PublisherZZZ Unknown
Publication Year1645
Total Pages170
LanguagePrakrit
ClassificationManuscript & agam_sutrakritang
File Size88 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy