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________________ An गलिक दोस्त शिवदंती कारन करिशेतं अदाणवचनधर्मस्वामिनं खूप नि किरिया किरिया वनात जालना कार्ड निवासी वाडतिविक न जाएं। काजा पापति परा वाष्प प्रतिन विपाकाशाणिवाद्यापन विपाक विरुदाजी विना वितान सिद्धातिनातिककर्मन (हा असिद्वितिवाणयापरकरी न कर्मन कयनादा) २०ऋतिकननर पनि नियममा प्रकाि करीत कातनास्तिक श्रात्मान श्राचपडितजीविनामाकारात मांसल सुरापान निर्मानादिककरो कम्मरमा रात हिंसा किरा निविरूवाका का ताण का मालागनी वसु समासेतिकार करायला निंजा किरियाचा अकिरियावा सुकाइतिवाक्काचा कायापतिदा सा तिवा अमाह तिरुववदिक समातिदितिरुवरु तिचा महातिवामिद्धा तिवा पतितापपति प्रिय [[रिक मामा) तिनं सह वाम का मालासमा तिला यापn हमाल पतिय माणात समपतिवामादप तिवा | कामे वल ग्राउमा उमे सामाman लापता पाय काम समान समागास विस्ता प्रकारिकर काकनास्तिक वादाशिया अतिकाय कदिपक नानाच इमाममा हापसाची जनावादजशरीरात निरक मरणादनिननुसारिप्र कार करीन एलान कि कितना स्तिकवादान के दिन समारास तापत्रयसमानता नई विरुचिकरतो का नाशनाय कायममुका श्रानरादर्शनाला कनकन यादवाडी प्रदाला का मुकी णिकारला ताजा वातजामा का दीपक दर्शनात का प्रयया मिलाणादाय समान निका वाक्चाले कारि श्रामाणादाना सयरका पखाशमा
SR No.650027
Book TitleSuyagadanga Sutra
Original Sutra AuthorSudharmaswami
AuthorLalchand
PublisherZZZ Unknown
Publication Year1645
Total Pages170
LanguagePrakrit
ClassificationManuscript & agam_sutrakritang
File Size88 MB
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