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________________ से सारनापारा कर्मकान काहार सिद्धिगण ज्ञानदर्शनचारित्रादिक मार्ग इंजि होति सिद्धिमाखत्रिगण सादरहित मास काशारीर मानसी २३ मा पत्र दिया एहन विश्रा नयना चित्रवनउम वित३०सन्सदि तिलक पग्राहीक की का परिणाप्रति सर्वसमाधियाम सरकार सर्व खून करती आज्ञा माग सिकसान श्रादरान तामा० तिसवाहाविहारमा नालाल सहारामा तिमन्त हाथ हातिम साक ऊसार तहालिया मा०तिम नई सीन दायरामा तिम्र तिमनिमजे ति एनईजन इंजीवन सनई संजामागं दि क सलका महिमांमुत्तिमा एमविद्यागांवित क्षेत्र से दिस एवियाजीवासितति सचेतिपरिणिचा तिसरा काति तदाचिद्यामा तहारिण हाइयरामा ताजमाता हाएहतियात्रा चासत्रा. संजा पवित्रताक निकितित सिस्काचित्रदेिता कप्पतिति तदपगारा किंतित ह प्रतिकित कष्पतित पी हायबमा मतद त्रिवादक ass क Maanen विहारविहरा दिवस सान हिंदीड़ गिरिकानं देता गिरिका या रु सापत्रमा बहसमा नई बी डबईकरी संजमामा त्रिसंयमपाल निमुनिमा जाई गृदीमक निवारनिघाना ल्या हितावा हाक चला गातमक दिनु कितितदपगारणत दवा गृही नई कम्पनिय वामित्र दोहदवी कल्प तिवारनिशाया कति हाकलाई कहि किं तदप्प गरा मुड़ा वित्रपण्मुड़कर वा कला तिचा निघाला है तो कृप्पतिरकलाई गत मदिन कि हन कप्पति हवा गृहीनस वायाकल्प हा कल्प कहि किंतित हगारागृहीन कामाचा निवार निघाला ताकम्पनिषदा कल्पसिंह रातिदवगृहीन चारित्रानंतर सर्वसहन इंदिवर्ड दौडन्धगिरिकानाडा निधानाल्या हैतानिरिकाला ही तश्या तिपदनिहार विदरमा दिवाकरे ६
SR No.650027
Book TitleSuyagadanga Sutra
Original Sutra AuthorSudharmaswami
AuthorLalchand
PublisherZZZ Unknown
Publication Year1645
Total Pages170
LanguagePrakrit
ClassificationManuscript & agam_sutrakritang
File Size88 MB
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