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करत साधारण प्रत्तानभिव्या पूर्वलापरिजाबी हवसात नारंगीसमयय र समयन प्राणाकरीप्राह समस्त गडोगन नमसा न श्राचाररूपाय निश्रावकाचार की स्पापानल यनियतार्थक वाकयनिस्वत्ता र्धिक बाद कही स्पई सात माध्यनन संबंध हक हितकाले ऐतिकाल नई मिसरनई विष राजगृह नाम नगर विविना दिना निमितलयरहित समिि नान्यादिकसहित नगर न कहि जानावा श्राननगराका नहीत सांगत राजगृहनगर नई नही ग्रा बाहर उत्तरमि नकुल नए नालंदा एडविनामि हरियाघाट कविताच आई आणण सयान करनी सपकी संनिविडा सहित प्रत्यादि कालंदा पण पि नालिंदा । समकालरागिराचा रिद्दिनिमित्तस मिला डिव तस्मायमिदमगर दिया उत्तम दिसला नाम बाहिरिया।। हाच समाजाप्रडिरू वातालंदा बाहिरियाए लिए मंगादाव तदा श्राशितविल सियाणासाचा पारा बज तरुवरजातान्त्रि विडिय अन्नपाण बहुदा सादा सागाम दिसालग पत्रात बजऊस परिपया लगाता समागावा सपया विशदाता अगि यंजीवा जाव ज्ञानविद गावयास किए किए चिति लाह महियार पुछि बाहिरियानविष लिए नाम लिम्पना मित्रं गादावती गृहपतिकोनिका धनवंत त्रिपदीप्तात जस्त्री वित्र सर्वजनन विषविख्यात प्रसिद्ध विलासिकादिक सामनादिक जाणू कुटादिकावादिकाकाको जात जातरूप नई उपादक व्यापार संकरित विडियर पर 32073 तीन बदाम दासदास गाईलाली परिघाकन परित्राश्रितवनीय एक करीसंपदा कही वहीदा कलितालय नाम गृहपति समश्रण सा वामपयाविणज निरंतराम वंशन श्रम सके त्पादिकाकाविन निगाव