SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 109
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ बनने का विज्ञान विभाजक स्वप्रांत पिपतिष नही काकरी प्रायिका तापमानातान मानकरी जानक यासि बालप तिया पलिन कदाचिद निक हियकाचाय 87rmy चचभिद्यापन विष पऊपरिमनपरिणाम क्तिविज्ञाननाने हवानां समागमविपस पतिमा man पवनमनियापक प्रवर्तका रहित विचार चार्य विप्रायना निपानिया जावता मा रायकर्म सबलाचा [यवावयविएमविएस्सनियावय देवदासित संतियाएवावियाच अमरकर अविर मात्र या काय वक् चाय जातिमा मापाप वितोपणावियायवतिवत्रिए पावकामा कति श्रमयारकाanu तिहासमा रकम सवियारमयका यवक्वमिचिसप कतारविचाय पदातिगजात एवं मा सेत सुमित पावकामा maणमचत्रियंपा चायल पावस काम्मानाक छतपापकर्मनाक गाउँ कि कार चाय एवंवदामिनीप्रियाकाना काकदिनमा कस प्राक एयादि का पापकर्मा हा कांक्तविज्ञान प्राणामाटियापक मैनंदि श्रानर कि एमडी एक प्रातिप तादिकमानयानमित्रिएण्मननिमित्रिपापकर्ममयवपायका रा विनिमयागंकाचा पकारी काया पायक बंधाई जावानी माग रक सर० हिंसा मरिमन थाम हतन सविचारनुचचनका मन विषमविस जस्त्रप्रात किमान स्पष्टविज्ञानात गुलि संयुक्त प्रीतनका कतिपय कर्मधारविाचायला शिचार्य न कतिही जमक पाक मनमिनती या पीएायक नितिक
SR No.650027
Book TitleSuyagadanga Sutra
Original Sutra AuthorSudharmaswami
AuthorLalchand
PublisherZZZ Unknown
Publication Year1645
Total Pages170
LanguagePrakrit
ClassificationManuscript & agam_sutrakritang
File Size88 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy