SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 104
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ तिजवपनाक वाण नानाका स्त्रीरादिक पूर्व लाया माकपताजीक पूर्वीय रिजम सचित्र चि निश्राविकरतिमाहना मलमूत्र चमनादिकनमा रूप मंत्र कम्पादिकनला । मतजीव [ष्टादिकनपनाविष्काराला परिचित्र जीजा श्री कि जिममल मूत्रादिक नई विमानोत्पत्रिति मतिर्यचना शरीर खुरुनाथचर्म कटाई ऊपजी पता बताजा बता गई सिचर्ममादिप्राणिया समूहात जमला क क्लोशात गवादिक नाशक विषाविज्ञाचित्रवनस्पतिना शरीर विषय घु गावराना लावामा वम स्कायं एवं रुच संताप एवं खुरुगना श्रदावरं का सदगतियास ज्ञानापाविहा (या आवकमा पिदा कमानापावा तसा राणा सरस चित्त वाचित सरगंवाय वातसंग हतं वायपरिगय तसा गतिवति देवा तिरियंचायसु तिरियंताग तिवतित ऊहा उसा हिमए मा पत खादादाजी नागावतारा पाणामी हमाद रंतित जीवाचा हा तिढ दिस राजा साविक संत श्रवार विद्यां निसित सघा वर कीटक टिक जाता है आदार प्रत्यादि हारण्डवश्रानरमा कती कारकागमा दिपक सद नानाविधायानिमानस का दावा यानिक श्रम कायन विषबुकमा श्राचीन नानाप्रकारात सादडका दिघालियान घारिकायादिकना, सचिज्ञाचित्रा नदिषतं पकायां नारीवाय संसिद्वे वा ग्रहकर निपजाव्या वातसंहितेवायकरी सम्प्रकारातली मादि निप जान्यायपरिगयेाकरी महामादिमा चिया गतिऊिपहा चा नायक पलादि तिरियंत्रापपतिरियतिरिति तिहारचा यमितिहार जलदिना नामक हिमपहिममदिया किरण करताना नसुहाएर साना इत्पादिका पानी जातिमाहिजा तिहार बिना नाकारा प्राणायाम दाराची विजा वाघानिकको कायायानिक पकायादानीका मनु नवमाका पत्र
SR No.650027
Book TitleSuyagadanga Sutra
Original Sutra AuthorSudharmaswami
AuthorLalchand
PublisherZZZ Unknown
Publication Year1645
Total Pages170
LanguagePrakrit
ClassificationManuscript & agam_sutrakritang
File Size88 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy