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________________ C थको उति जयाएं सूरिए सहमितरं मेहले उनसे मिताचारेर क्याजावर समजते दिवसे सेनिम मारिए । पदमसिंग हो र सिमित राखे तर मंगले उनसे मिताचारे चर तयास एगे गोराई दिए। एभाउ दिवसमेत्तस्स निबुदे तराइस मिबुटेतावर मेले वार सहिती हिंसयहि बेला एवं नियममा सूरिए सत्र बाहिर मंहले जावचारंचर तथ जाएंगे तेरा सीए राईदिए सहिंएगे तेरा साथ भाग दिवसमेत रस निबुदे ता रा तस्सऽभिदेता मेहं ती हिंसा" ताजा बालदिवसे एसमे मासे एवंविसमा बजार समजते दिवसे भइ एस देन माझे एस दिसंबर पूजन सारोति इति उपासम६॥ किंते सरियेा वरं तिहिए तथा लुइमा बीसे पडिवत्तीये तथेगे एवमाहं मेदरे मजवरेति एवं जावरा सरियेवरंति बयं पुरा एवं बयामो मंदरे निपजावरानि जे गला सूरियरलेस फुसति तेयोगला सरियेवरति दिन बिरोद्योगला चरिमले संतरंग नियोगला सरियेा वरेति इति सत्तमं पाडं समत्तं कहते उदरा संततिहिए तथा लुइमान तिरिमय वित्त मंतयेगे एवमाहंसु जयागंजेबुदी वेर दाहिएटे ऽवर समजते दिवसे तयाएं उत्तर देबिऽतार समजते दिवसे भवई जया दाहिएटे सत्तर ते दिवसे तयाएं उत्तर देबि सत्तर समझते दिवसेभव एवंजाव बारसमतेति तथा जेबुदावेश्मंद रस्सस्स पुरम िया पर समते दिवसे या परमताराम पुराएमा हंसु जयाएं जंबुदीने २ दाहिए र समता एंतरे दिवसे तथा उत्तर देबि एवं एवं परहावे दिया थराई दिया ये गे जाव बारस Education International For Private & Personal Use Only
SR No.650026
Book TitleChandrapragnapati Sutra
Original Sutra AuthorSudharmaswami
AuthorKanhaiyalal
PublisherDelhi
Publication Year1843
Total Pages64
LanguagePrakrit
ClassificationManuscript & agam_chandrapragnapti
File Size26 MB
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