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अंगाईयों या ईन हे मौन हेसा।। श्रावस्य पनोगे तो गाई। खयरखो तो समानो यया नावाचा सामान हेसा। तथा श्रावस्त यनिस्कि विस्सा मिरवधं विरिक विस्सा मिय्यनिरिक विस्सा मि। जाणिद्यानि सामि रहे दीन रिक दैनिरवसेसं। अत्रवियनका याद्या चवक्कनिरिक् वेता से किं तंत्राव स्वयंश्च विदनं तंदा [नामाव स्वयं श्वणावस्मयं श पावावस्मयं सेकिर्तनामावस्ययं श्रमजीव रसदा। जीवरसवाड पांवांत्रीवा वातलयस्मा । तया वा शव नामक इसे तनामावस्ये किंत aamaस्मयं रेडकाचित्र मेवापकमेवालिया कम्मे वांगं विमेवादि दीवार
इरिमेवासं रमेवारिके दी। दरोगा गोवा गोवामा सा जवणाएवांच्या त्रिवकाश तंववणावस्त्रयं । नामको पवि सोसानामश्रावक दिवशतिरियांवा दोघा भाव कवियात्रा देविद्या से हैव पाद
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