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________________ अनुसूत्र विसराय इयंपंचवित्र तंदा है मलमास किं मिरोगे बालयं पचविदंपस त्रं तंडदानुपिहिए मिलोमत के हिसे से बाल थोस किंतंब क्रये सण मासितं बसतं ज्ञागंसरी रेत वियंसरीरबइरित्रां दत्वमयं । सेतो प्रागमनाद वयं सेतदनसकितावखयं त्रिदा । श्रागमनं तो श्रागम नयास किं तंत्रागम नववत्रतंत्रागमन लावा से किंत नागभावांनो आगमनला वयं विदंपतं तं कदा | लोइयं ।। लोउन्न रियं से किं तुलो यो नयागमन तावसुयेश इंश्मंन्नाणीदिमित्रदिना दिगियांतंऊदालार दंरामाय लामाखरुके। कोड नये घोड सगल दिया. कपासिय नागमं कसरी बसिब इसेसि बहस सांक दिलं लोग सहितं तं माढरंगबागरणं नाडगाई दवाबाबतरिक लाव चनारियबे यासं गोवंगा से तलो इरे ॥ ना आगमनासयं । सेकिंतलोयतरियनोग
SR No.650025
Book TitleAnuyogadwara Sutra
Original Sutra AuthorAryarakshit
Author
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages112
LanguagePrakrit
ClassificationManuscript & agam_anuyogdwar
File Size44 MB
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