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________________ 20. 34 नाम कुछ० जिससे जायद शिहानं. 2012 [३] मी.मि || से० किं० त०स०स सूम श्रमंड Saa से०मजो || समज ॥ का०का से० से जो तामा २० मता ॥ ३० कि० कु जागा खितमाजग का राज जो मे ॥ किं गो० गाइ। मो० गोमा ज० • उत्कटी वस्तु कनकहीय खारबै ० नैतेवर 可 विमासे से किं ॥२॥ मेहिवेर मोहमद हि नदी मुहिम 雨のマ समादरव कर का REWELL עד का कशा से तामदिते॥॥॥ त्री रुन्दमने दु०देकी कटे पाटी के कौडोरा कजे से० नं० २०२ से. किं० सं० ॥ भि० मि नानाखा मा० नाविक स० गा] सामावगरी २० रखेल विहिन 160 161० Tama जो करी काय एका प्रभु की शमी के सर पेंडी एक एकडी शिकनावा नशा की ये रहे एएए ह haryanasa Tar नाम 衛 सचित जोतिरह। पते सरिताक स० [सं० मी०मिश्रा से० ० ० ॥ भे० कि० २२० के साजाकि सा० भर जा०जा०मकेचे मदेसी देसने ॐ० कु कुछ से० कोसल० . ० स जोशी सो जागिक होना - कना ०६ वसवतार नाते ऐरा दिये जाये नाम के सी ए॥ मेत/मीनं मंजे ॥ मेकित है (जारशाह का समेत माइतीक संत माजी ) ऊ०अर से.) तं. स० सवित से. कि. नं० ००० ( भर जोकि सा कुरुते सानी न 1 मदीये ० के०र२० क० काल ने सेमरा ० ४० ६०० १० २००० रु.) स०सार २०६मति] २० | मि. शिवरी से० १० का०लजोगनी लोण को गिनाम कही ये इमसबक कक वकय क पनामामा मेकित कालजा सरसराताहत म्हणा सावकार संयोगे । इ० )-100) ( ) ० ० ० ० ॥ ००१०००) हम जमे 2 करने से हिसार से जाएं। बिरह मंत्र शामे कितनी किं० २० को क्रोध की०क्री से० सं० स० माह से रोग सेतं. सेक्स रोजी से० कि० रा० मा २०वि०का प्रय] [सं०] ] ना० नागव० मा पनाईक (२००५ Brea तुम मा नाते सजो जैन पीक होते (नामी भानाम तरह एक रहसेल तर वजाएगा। जिसमे किताबमा डुंचन विहान (नं. नाम मापा H तमना मंत्र रिहाई ॥ से राय को ए
SR No.650024
Book TitleAnuyogadwara Sutra
Original Sutra AuthorAryarakshit
Author
PublisherKota
Publication Year
Total Pages134
LanguagePrakrit
ClassificationManuscript & agam_anuyogdwar
File Size58 MB
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