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________________ ○ 72 '४ ती ध्वनाए ४ कसार हलेसी उबद 334 सातमा वानवसंगतल Jain Education कि० | वे० / ०२ यकीन 5. लेखका १० नं० नी० जीवन बजे उदयनिष जीवन निष्का से कि के | जी० जो दो अनि पर प्र.नेका पंपाव एफ तेजी निजी बाद यूनिफन्त ( ल नाईए तिरेरक आलीमा कित अयन) विरहाते. जीवा देशनिक ॥ जीवोदय निकाय सेकित जी लक्ष्य निष्फले। गविरह |o|cio जे० नार की तिοतिर्यदप म० २०० १०८ बीका | जा०जी तoतम कायम का क्रम कि०कु मलमा ६० मि.मिध्याद नो Lamas mur 10104 ज्ञानी सका। एक एन्टिलेसन मिनी मनो • बदरस्य २० प्र०ि० जी० जीवोदय एतनो बोली से मकरानी से होन मिली Parag केली ॥ जीवोदय निफन्न किती ० यो प्रशमं २०5० ए० वि०बैकीस आहार ने तेजस क सारमे Ra ११ श रियो कोर नियमाकम् रोका जा ०२० शवरसं०संयोगीव | सं संसार कंप रक 20 | 130 जीबीजा ૨ ત વઘુર हार विरए । संयोगी विसयाीमार काश दय निष्कान्त शगरिह) पं०/०/रालीये बेसरीराज रानिय सरीरमबारे २३) म० प्र०का२म्म २० ० २०२ का०फ नं० दिसे. नं० अ० कर्म मेल दयनी) से० से० ० उदय | से० किं० [सं० उ०जन् समना कुबे कोत Chhamashaharasta नाम ० ० ० दारकरी 30 रारी कसरी 20 12235 23 मनोगंरासाला जीवदयनिफन्ना सेन मनिफन्ने॥ तं ॥ नामे से कि॥ २२ मये दि ॥ पं० तं ते उ० उप समरूपसमनि) से० किं० नं०) अनुपस) मो० वी सुविधा) ७० उपसम से० किं०तं. समयकीनी · अनम sahasra+ हनीमैन विमाकाश रह | पं० ति० ७३माम मनि ॥ ॥कि ॥ ॥ वस मे | एमारु जिसपर उसमे कित। उस मनिम्फ नेश शोभवि है | २०|| [ [सं० तेक) 303 पसंत को आजा २० 39 सा मोठे पद ३०सम्याद 3.34सभी दे० दर्शनमो हनी से बशा तदरी नमो ॥ ॐ० प स मुदर्शन मोहनी ३० उपसमी चारित्रमोह कहते। सतराम जेठवारा क्योदासमे हनी यसमा तीन ते चार ते समतल है समरि सिप । वसंत दो सेन बसतं समेो हि [ए. हो बस मेम तिलाही बस यात्रा ॥ तं । । जावा उस
SR No.650024
Book TitleAnuyogadwara Sutra
Original Sutra AuthorAryarakshit
Author
PublisherKota
Publication Year
Total Pages134
LanguagePrakrit
ClassificationManuscript & agam_anuyogdwar
File Size58 MB
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