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________________ ५ दारे हि दरियादिय उ०ताए गीगावहिं रंग से पहले हिं ममाये. वीरं मग माणे बेल समयमा कम प्रमाणे पाणी मध्यमाये हुये ह समारोहिं मिरावल रुसमारोहिडाको समारोह कुसमारोह समारोह मामा रोहिं बिलाय मारोहिंगम्ममा रोहिं रोब मारो दमासे बिलब मरो कुवैमा अक्कुरमाणे निदायमा पलबमा देहमा बम्ममा बेर मारी मारोत्तमाणे मुत्तरीसम्म एस लित्तेवलिता मालबस सुबीला परमगंधा नाति कूडे ऐसा बिलाई भोग भोगाई भुजमासीहिरिए ततखे सासोमा या पुरता ८ यमेयास समु जिया एलुमेहिं रुहिंजावन बिहार तर म्याउ जावजीनियक ले जाना विद्यारि जागुको परमायान सुरभि सुगंधधियान दिनुलाई मागुस्स गाभोग भोगाई मुंज मासीन बिहरेति होऽऽयुग नो संचाराम जाव बिहरिए वेकाले सुइयान जानु निमले संनिवे से जान हिरिति तते एंगे। संघाडे जाबडमाये रखकूडस प्रवितते सा सोमा जान बंदन में सबिनले पडिला भिता एवेद एवं जान जान बत्तीस दारएयाए जान नचामि ते इछामि तुझे लिए धमा निसामित्त एतते सनिचितं धम्मक हेइल ते सासोमा हम तुम बेदना एवं• सहा मियां ३ एवमेयं जहेतुभेदेह नगरं २ कूडे पुलामि ततेऽहं जानामि हासु ततेजाब बंद नमस डिसिजति तले सो माजे ऐवर व कूडे ते सेव करयल एवं एवं लुदेवाय धम्म निसंते जान भिसइए तुझेभुखाया जानवर तो ऐसे रख कूडे एवं मातुमेदेवा याई बढाइए भुजाती (मय सद्धिं जब भुक्तभोगी तथा जाए तो सोमामा है। एयमने पडि सुरोध सहाया जान चेडिया चक्क बाल यरिकि वे मेले संनिवे से मझे मझे जेरोन सुयाऽज्ञा जान बेदन मेसजुवासे ततेशं विचितं जान धम्मंपरिक हेइ जहाजी बाबुति तनेजाव वालसविहं सावधांय डिवाइसा जाय यडिगया सम सोना सियाजायाऽभिगय जी बाजीने ऽज्ञानुवरिमा बिहारं ततेसा सुबास जाव समासरिया तसा सोमामाणी हवा एयात देवनिया जाव धामसुद्धा नवरे २० कूडे पुनामि जावयामि हासु ततेावेदनमंस जेगोन सय महे जे गोबर टकू देते ऐबकरणले जानासु तते र कूडे बिनले ४ तदेव भवे तहाऽजाजाया इरियासमिया जान गुत्त बभयारी जाब एक्का रस डे गाई हि वहिं मंदसमं बाल संजान भावेमा बाबा साई सामरियागं पान मासियाए से ले हसाए 5 लोइएप डिके ते समाहिता सकस देविंदस्स सामायि देवताए जबहिंति दोसा गरीब माईनिती से सोमदेवे महाबिदेहे जानका हिंति एवेलुजेचन योगमयते॥४॥ नवेन एवंषलुजे रायगिहे सामी समोसटे परिसानि गया तेसका लेखेर पुराम हे देवे सोहमोको पुरा भद्दे बिमारी सभाए सुमाए पुराभद्दं सीहासांसि च हिंसामा साह स्सीहिं जहा मुरिया जान बती सबिन विहेन बदेसिता एडिमय कूडा गारसाला पुनभवपुला एवंलु गोयमा तेसका लेसर इहेब जेबुदी वेगमा रहेवा से मरिवइया नगरी रिद्विदतारायचेइए भद्दे माहाब दे तेखेकाले २ रा भमवेत जाइमा जान जी विद्या सामर भय विमुक्का बयान, परिवारा जान समोसा परिसानिया ते ८ मामी से कहा एल द्वठे समागे हव तुते जहा यातीए गेगदत्ते तहेवनिते जान पाए गुरुबेभ्यारी तनेशंसिषुराम हे इस गारे सामाइयमाइए एक्कारसगाई हिज बहुम Private & Personal Use Only ३५ www.jainelibrary.org
SR No.650022
Book TitleNiravalika Sutra
Original Sutra AuthorSudharmaswami
AuthorKanhaiyalal
PublisherZZZ Unknown
Publication Year1889
Total Pages20
LanguagePrakrit
ClassificationManuscript & agam_nirayavalika
File Size9 MB
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