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________________ | को० को ही माटी मातेमा हि कोश्वांसनीको हातमादिकदानामिवृक्षवा साधन ६:०० उपलसरी टल उपस्वान इतेमादिक रनोचन माडीक वडानीवर इविइन ई શાવુ सतगृहस्वःनि इद्य च्याचा राग असणंव|४|| को जाने दो को लजाई वा संजरानि रक्त पहिया एक किया प्राणीन ५० ५७ सनाधिक४ जन्तीम माली चवधप्रादार कोष सहि त की 89 मां दिवइसीएल नीलइस रमा परलउ सराबाहिर विर इकरावा : ५० तिरेनाथ ताश्कार - रनवते व उ वन सियो उहरियाचा दहल राऊत हप्युग्रं पसवा ४ नो माली माहिला नवजांपानि 5 ल० जाति प | से० ति०] साधति | जा० एस स9 देस साध्वी का ४६ ते एमा मालीन कवि वीकाले नादिराधना श्री क हमंतिनच्चा ॥ लाने संते नोप मिग्ग देऊ ॥ ६३॥२॥ से निरकुवा २॥ जाव समाएं। से सिते साधः ज०मा सनादिक४ ० मोका स०० ० तथा कारन एचविधा हार 1उते दृश्खः प्रेसमादिच ना० सच शिकार लावुलाः ज०जा लाउ लई पुजाका सांवाध महिल जित्तं ॥ तदा। सांवा जाव ४१
SR No.650018
Book TitleAcharanga Sutra
Original Sutra AuthorSudharmaswami
Author
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages594
LanguagePrakrit
ClassificationManuscript & agam_acharang
File Size220 MB
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