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________________ इतिगाथा ॥ इतिगाथा ।। अकरम नाही गं एदवी द्वादशांगी १ इतिगाथा सं रूपवाली हकी लिगा या वापी | ॥ इतिगाहा संशमः॥२॥ इतिश्री याचा रांग स्पद्वितीयश्रुतस्कंधः समाप्तः॥२॥ ॥ श्राचारांगना बीजाशुतस्कंबना | BOREWE ते सर्व यंत्र श्री जालना:म अ०म० मादि जे०जेको नया फंसी पाकं लेख मोमारास जि० श्रीजिनतिशंकर कहिल दीया ज्ञानले 7 वापराने स्पाप की तेनास्वनयीउसन थ किं चिहियं पापमा पोतिरकमदम झसङ्घ जिलव्याल विलिग ६० इति श्रीच्याच रांगनोहिती पुस्तकना (अर्थना श्लोक ५२०० ॥ तस्कं परार्थसंपूर्ण लोक पाउना १८०० उन योनमिलिता लोक 3000 CHECHEE HER AM M 2 अध्ययननोन चार १ विदेसणामयन २ सियायन ३ इयध्ययन नावाध्ययन ४ wbete h ६ रामला वमतिमा G डीलसतकीय Wの ७ ७ ए निसिद्धिया सुतकी १४ olewalelbelse of 2 9 ११ सहसतकीय १३ सदसत्तकीय १३ १२किया सतकीय तकीं १४रियस नाचनाध्ययन GEMI मयन विमुक्तिनामा کیا G
SR No.650018
Book TitleAcharanga Sutra
Original Sutra AuthorSudharmaswami
Author
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages594
LanguagePrakrit
ClassificationManuscript & agam_acharang
File Size220 MB
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