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________________ निमिनाइए एकति शि०साझ | १० पुर्वयहि जनः स० परि निशा:T चयन इन्वानादिक १०यातेः सं०परिचय सा प० वस मुसुसराल संबधी या लोकः तितिले गइयरस || जिरह स्स ||पुरेसं धुमावा ॥ पचास श्रमावा | परि इबर: तेते जिमना भा०गृहस्वघर गावगृह तानाता गा०तथा गृपतिन यु०९ गा०गृह has कह नली यतः चट দ विसंति||तंज होगा दावईव्ा । गादावई लाव् ॥ गादाव३५ लोवा गाद तिना ६० : おか मृताः गृहपति हावा सते मोहन भालाक्ष धवराव5. लामः ते मोलांना जा दासाः+ नाव क० को मकानो करारनाट प्रमुषपुरुषः afa नवा । दासा वा दासिन वा कम्मकरा ० : ० से १०ातः सेक्सेस्तवराह संसारि न घरिनिका वेन्याकुमा सत वधूटान वा गादावश्एदानवा कवकाम काजनिकर रामसूरती तेल लाति दास इति एक तेसा स्वतः ०श्कार नी 7 ॐ कलन विष कम्मकरीना ॥ तद्गाराईलाई रेसंधुया शिव्या संध्या
SR No.650018
Book TitleAcharanga Sutra
Original Sutra AuthorSudharmaswami
Author
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages594
LanguagePrakrit
ClassificationManuscript & agam_acharang
File Size220 MB
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