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________________ शर २३१ सुसानले के दवा कई ब राज्य ते कण्कलन | हंसवना देढि हपस्कनावे | दो० जिहांबेराजा | दे० मिंबर की एडिनेमेिंबर कही इतथा ढि माह वाहास तं कलहावा | हिंदि माहवेरतथा । दिविरु दूराज जेजिव्हां अत मलिदा | दोरछा शिवारे नासा (समुष्य चल दोन इमनमा एजाइदोंरा मुद्र रालिका विरुदरे कालिरान्नियाईदा | तगारा सद्दाई/ | | | | ३०केक सभ्यष्ट् | सन्सानले नंग सूमाधवी शहिदे तवेनही | रेगम एमए /१५ से निराहावेगइया इंसदा इस रोते रहमि यंदा ति | अकृत (तिघी मे बेसार) २०० ए०९ | १०रुदे न्या के परिवरि सम्नायमा आदिकेक लेड्जातितै नेता क ०क० ३३२ 'या मनीऐ हवी रा-नेंसहित रियं परिये मंनियेल किया कि मारिग्यं पे हा परिसंवादाए
SR No.650018
Book TitleAcharanga Sutra
Original Sutra AuthorSudharmaswami
Author
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages594
LanguagePrakrit
ClassificationManuscript & agam_acharang
File Size220 MB
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