SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 445
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ च्याश्पय मिले। चष्वन्चर जिल्हां ववव जिह पथमि एहवालाम वाणिग्राम मुदान्नियशंसित गारंसि लघु सिप २२ सेन्ते साधुसाधवि से०जे० ० नीत रिवेनही ते जे ली लिए हवा पंण्यंति जा नेविषे अनेराईएका तथा प्रकार नीतिदेव चार नहि दीनान थं हिलसि| गोउवारास व सिरेका २२ से निरकु वासें ईजिदां काट बाली ने स्वातिदां वलसा लोहा दिक करे जिइत्यादिकुरवार बाले मजिदाममा बालते मसादिक जहां मष्टतकन युनिवोत के नेप रिशूनतोत्र मिल जाऐ द्य|| इंगाबादे फार रदा देवा | मुडदा वा मेय म० जिहां मृतक नीति अनेरा माझ्या पाहि कारकर तत्तथाकार येण्यमीला द नवि शूनियाफना मवेशास अन्नयर सिता । तद्गारं सिथे हिलसि
SR No.650018
Book TitleAcharanga Sutra
Original Sutra AuthorSudharmaswami
Author
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages594
LanguagePrakrit
ClassificationManuscript & agam_acharang
File Size220 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy