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________________ सेतेसासा४ | आयतारादिकने | जाण्जा | अवग्रहमांगी दि विषेश Hinj | माजा जे० तति निरकुवाश श्रागतारेक जागा दिये सिन्जारजेत गा इ० वर्षे आयतनको डाम एत (उश्ते काबेते । जेसासूनि मिते करवाकराच्या त्या समस्त गृहस्थ गातेनात्र आश्री श्री तथा - दावा गादावज्ञापना ज्ञेया ॥ श्रायता लिजा जा | इ० आगति प्रतिमा व मां गिनेय कहिस्पते यह विशेषतेक ग्रह याना लेकर नेपाल अव्यय ही दोवेदमा दि यहि सा लो ५ सन्सा त इकम प्रद निस्कूजा ऐका ॥ इमादिँएमिमा दिं। उमादेन गिदिन सरोहिं तां सातसा श्वेकरी R निहितमा सेते मायागंतारा दिकजेत जापा फायनानेदेवेपरं क जी तक चारित्र जेके लाते मांहि एक दोष लाग्यो जाऐतिहांनर (जेमान यो जितला निर्दोषियान कबेते मांहिले एकथानक कस्तेद फ तख माण्टमायमिमा सागंतारे फवा रेते दिवाराने ainelibrary.org
SR No.650018
Book TitleAcharanga Sutra
Original Sutra AuthorSudharmaswami
Author
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages594
LanguagePrakrit
ClassificationManuscript & agam_acharang
File Size220 MB
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