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________________ 29112 लबुं जाना दियमेदिता करीनना के तिहार सच तो साधूनामसझायादिक ने विषेकांति प्रदत्तस्पेन दिखी यादी. स्पे तथा कार नाते हवे येसा श्रावारां. सजाववितारा नाकात २०२ ५०६ पूर्वोक्त आचारिक निसासा रासदितो खून तते मो० उ०पय्हग्रहे मांगे नहि एतले ज्ञानमा री गारेन रस्साए ( उगारुं गिदेडा = न नूर के सा०सालो जीपूर्वक होते यावर साधुसाध्वी फूले ह्मो एज्ञानदनिद रिवसहित पांच समतेसमतो हे दि द नंबू जिनमे श्री नगवंत धनाने यह प्रतिमा अध्यय इंस्तु मतष्य को नया क साधुका एवं तस्सान्निस्तस्सवाशसामग्गिय जिस ज०जात सदा सर्वदा का इति श्रीर्मास्वामी जंबुस्वामी श्तेक देबे सालने विषैजतन करे महावीरदेवसमीमा वा रोग सूचना द्विती दिरुनैदि ननादेनात्र ऐसा न ल्पा तिमश्ते ||||जावसयाजएका सिंशिबेमिMAN हितो इण्ड तिच्या वारांग स्पद्वितिय सुत्यं भस्म व्यति मासप्तमाध्यमस्पश्यूनो देना कस मा तं ॥3॥ ॥ मन के मात्रा नंतर दिवे बाज नही प्रारं नए बेहेनो एसंबंधातले मदेने विवेकम वह मांगदेशक प्रो २०२ इहां नी जान दे नूणने विषेते जवमांगा नोविनो एक देसाया ॥इतिश्रवग्रह प्रतिमास श्माध्ययनस्य महेशकः समाप्तः॥ nelibrary.org
SR No.650018
Book TitleAcharanga Sutra
Original Sutra AuthorSudharmaswami
Author
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages594
LanguagePrakrit
ClassificationManuscript & agam_acharang
File Size220 MB
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