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________________ खण्डस्ये ६ण् पृण्वहिताऽतिमा से तेसासाची वाक्याले उण्नान से दूरने मको पातए | जावा तं तदे पात्रजेद्रस्प तव्यापी पात्र माहिती दहे केवोह खश्माण्टमापमिमा | से निराश नहेसियेश पायं जाएगा|तंजदा जासुं मानोपादकाष्टनोपात्र २ माटीनी शत्रु मां तूप्त प्रकार पापा स एष्काष्टनोपाच जो एक को इनदेसिम नमो नोवेदवो 可 पपेप हिजे चितव ते तागारं (स) जानयणयेवाशदारुणयं वा श्रमहियाण जामगृहस्थ जाजातून एण्थतिमा जागी १४ नंतर विजीपति आप कतिहि वितव्ययात्र देम हैजा दिदेवी जी तिमा मापते फास के जाएं) 7 2 चाण्जाएका जाम गाऊट माप मिमा २४ दावा दो हामि से निसाधूसा६वि२बीमामाश्री वन्दे पापा जाοमांगे तप्ते /गाष्टपतिमा जो जो ते एहवो निकरेजको ए न दनेपासे दिदेन त्रोटहस्य ने घरे तो मार्ग मान्पु था रहस्य मासे निरंतू ता२नैधेरै पानी पायजा एका तंजदा /गादारा) जाव दाताइदि rary.org
SR No.650018
Book TitleAcharanga Sutra
Original Sutra AuthorSudharmaswami
Author
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages594
LanguagePrakrit
ClassificationManuscript & agam_acharang
File Size220 MB
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