SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 331
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ सानोना ० वधूना वनदोल. इते किम त० दाउ sas कनकारी १६३० नबील ततः सा एकाकार जबउवन दाविया इंसोरावंराका तेजदा सहे तिवा सहेतिया रागरंना सा साताव्रत नो० बौल तितक सेवते. सिक् साधुः लि०सा श्वा माया दे [सं० वाट स०सडा या नेक एकेक एहना कला 5 दालसंवत्र सिंह 16535 करण नाका इ संसारहं । जादोना से झा|29 से निरक वाशजदा वेगझ्यासहाइस यात्रल ततेक हव्यवासित सेडान या यात्रा ६६.६० सुरुडशष्ट ह ३: शब्दकदृ एम० वाशष्ट सोसला 斥 रोहा तहारियाई देशा। तेजदा । सहसतिवा 5संह सहे जगदि सेवन एवा करना जबा साहब हम इव के ए०६३ विकि०सपा ६६साला बाजांना लाबोल रु०रुपः -दादिकका लाना लावी तिवा रायगारंना संत्रा सावजावना सेकाए। एवंरुवाई कि रहे
SR No.650018
Book TitleAcharanga Sutra
Original Sutra AuthorSudharmaswami
Author
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages594
LanguagePrakrit
ClassificationManuscript & agam_acharang
File Size220 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy