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________________ श३२ लाव गमिया का एव पूर्व कालाकिताव सकार प्रयोजनविसेब: मा० हो प्रायः विनिश्व६६भाषाइएतल लइनन् व्यासप्रवास 55 लाल: बीलता मृबाना बान हाला गवना सोनिया मितिकरी: य एकांत साइनबोल 2625 साला बाविसेक आदारां• राहिति | राबविरादितिश १५२ वियमिहानासी समि एसा दिसल ० संलताः नदोलनानामतिर ६ नबील इतर वनकि स्पाइक वन निरोग हा वीजः पहिला एक क्वतः घटः पटः नरः सएसा सरिक घडीप रोशन क्विन बोल एवं एमा या संजरा| नासना सेऊ तेजदा|||||रागव्य मालालाई 50 क्विनर सी० डीयू होन रोकनाबासका घडावडान राइ त्यहि कृता बाईस त्याहियस्वाहि |मिनश्वरं शकदिलानामतिषि यता सरव्यात बीला इति वाघायूटन रास विनायकाला ||||||215 व्या चाव्या वचन तया 247 लाइयादि ताक लामा वचनः या ला प्राथा काक हो सहरसा उनी स्तनक स्कू ते रश्मी महिल किनार किया विशेष ।।४।। रिसता सगव्य॥॥॥६॥अश grids 59 Halopate 921 CAL 1902 Հ
SR No.650018
Book TitleAcharanga Sutra
Original Sutra AuthorSudharmaswami
Author
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages594
LanguagePrakrit
ClassificationManuscript & agam_acharang
File Size220 MB
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