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________________ Jain Education सियतेः नि० साधू ति० सालमन बिंदुक र संवल गारी ग्रामसतिसरा रविशंलग इतिहा रहारमाचकरसन कर. स्फरसन कर एसावता मसलन संतान संब्लू६६न हो ि 303 ल नह हाथ स्पडघनः नुहानावर न करताना गणत उडनलगाड ५ः५० घाउ तावडउन लगा०:०२ ९०६ : ०कामा इविवि गतौ कूया यावेकवावे जागा रिगतोदरा | मेका श्रावस्कर साडू २० मसल कर5: जलना बियर डे तारमा की०का या सरारः ताःजगारमा हाल उन महराकारकाया जोधा रात्रिमासियोदे मे कारा तद्गारकायं आमछेछा महो वा जा सेन्तेः ति० साधा नि जानावत : २० तावडउलगडे ० तिवा० से गाव ग्रामो तासहित यामः साधवी: ६०विहारकर : रु. यदि सेबकह 55 व्ययातेऊ वातन संजयामेव गामा एक गामं इजेका सेनिरल वा गा० गोमानुद्यो कु०विहार करत गोवा ०गृहस्व: २० बीज त गावगामानुगा: दुन्नलाई यनिउनु मई उपक सन्ते सहित | गामा एफ गामंऽऽऊ माटो । गोयरे हिंसीिं। परिजविय/गामा फगामंडू esionary.org
SR No.650018
Book TitleAcharanga Sutra
Original Sutra AuthorSudharmaswami
Author
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages594
LanguagePrakrit
ClassificationManuscript & agam_acharang
File Size220 MB
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