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० विहार करत दिवाल प्रा०राज मृतकपय जुवराज र ताप्याः घ० विराजाना बिरा मार्ग निह उन
जाहिद सई
उचकः
राजानिबेकरा जाउयतिवराजाक
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विवविद्यायोग्य स
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नो विहारवत्तिए । यमिव द्या । गमसारा के वली बूटा आयाममेयं ति
तिमले बादिवा००ते तेनाव सहसा लावा६ /०तिवार बस गाव ग्रामानुय्मश् लन् ज्ञानाः वीरबई: वहिला जामानावर लावावसंमतालयासहि गतिदानलाई
बाला येते तेरे वजाQगमसाए (तन संजया मेगामा एक गा मंह इजे
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