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हितः ००६ सीतर: दि०प्रतिकार किसा ज्ञापालकला नाकजना राजा विवि: २४ वढिको रुसांना विश् कह รสิร
सेवते लि०साथसा धवः
॥वेजावासमा दिविदांति२४) सेनिरक्त वा | यावया डिकार [सं०] संचारगृ पाने: सेवते साझ० [सं० व्याजाव जो जाइतेक इ
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अतिकं रकेङ्गा| यमिहारियां संथारगी सेऊं संथागंज तथा कारते है व सेव प्रो० नयाबान हो : २५ मे संघर कृश्ते क
सहा सहित गृह सं०की मायावधिक पूजा ने रा बालाजी सहित जातजाव
लाल सहित लाइस
॥जाव संत्तामागं तद्गारं संथारगंगोह गिरोडाश्य से
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(सं० संधारगृह स्वनई.
Roma32 सेवते साधः तिक
सेक्तेः निवसा | ४ साध्वी
निरक्त वा२) ञनिकरवे कायमिहारियंसंथारायणीसएसड
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