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प्रतिहार
ग्रा०गृह स्व
० प्रागाराः करा स० ते ० कहरव
जायें
सम हिस्सा
प्रा०लो राधिकनी जा०लाव पूर्ववता बाबा गित मनोट १० घर मिना जाते
साता
नई
2135:
आगारिदि । आगारा वेश्याइं नवति तं
सं०समास्तकरा जा०यादतः प्रमो
तथा
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आरासाशिवा जावनरा गिहालिया | महयाउन विकासमारंनेय | जानू एवं
०३ सकायन
स०समारंभ करो
मा० नोट
तेन वाऽव्यास्स | मयातसका यसमारंभेरा। महयासमारंभेरा। महयात्रा ०करीः म०सोटः समांत कराता मोटसं तेनामले प्रस्तव्यका सा किन्नावाया कुइ
इन कहईन बाध्न लावितः ० गोमयादि has ककरालाई
रनेछ / महया विरुवरुवेदि । यावकम्म कि वे दितं बाया पाउन (लेवान संघ
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