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च्यावारांग जि। गिग हि॥ शेोववन्ने होभेशनो गंध माघारा ॥ ७६।२।।
सन्तेः नि० साधः नि० सा धाः
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विश्वना सिन 1356
सासर सर्व नाक दलः
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रालियं वा सासवणालियांचा अन्नय रंवा तदप्पग्ग आमास रिकाम्पटन शक जा०ए समुच: पी० नकल्प इः।।
सेवते. निसाध: नि० साध्या: २
परिणयं) उफासयं || जाव लाने संते। नोपमिग्गरे।॥ ७७३ से निस्वा
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