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________________ यता मनोबलतकरीदीरष्टिष्टट बचने अदर वेदको निवाहिकाया स्म हमरि सह सह ब मादक श्वास इकटरका कसा कर लघुमाहिना क एकेक साक्षम मनकरीस परयशनको नाप आवश्परंस कम न कर गतिग्रामा बलिया) बयबलिया काय बलिया आप गतिश्रमास निराला समदोटा इमसोमल लकडीनानिव हस्तादिकनफर सर्वमूलक अध्येगनिकासा को को निवासम रहीम मातीताना नाना उमरगा नाप वा निमोदक रा वसनहीनामा कासिम पडि सावादमा श्राप्य घासाक पात सहत गया। खलोस हिशा एवंऊल्लो सहि विप्पो सहि आमा सहि सच्चा सहि आप्यगतिया का हबुद्दी करा घरगाव एकपटक त्राश्रामका लड्डू या अनेक सहसा लाहार साहनेऽसहतम साकवचन कहते मी साकरसरमा लफलग्रहनिमून सहयदना मतसह सकतेला नाष्टादिमानेन करते पोतिमहलके कसा मीठा रोशन महत हवालवित साह सहत कसा एवं बीबुद्दी अप्पे गतिया या सारी श्रम या संतिनामा श्री आप्प गइया खीरा सवा। अप्प जलनार इमरुजुमतिसामान्य कारिमनन व पंवेंद्रनामनोगतावान तिसरा आडना कसाकलम करवानासह ॐ वातस हिन करिम चारमामान सेहत भी हालसायाते शतेोऽसहान एहवालबा माहाराणी कुमतिमा कनकसु दशभिशा काल दीय नाका इन होतो aaga साक एहवालब और महावीर साध वेंडी मागता लादि४६ारणापारासह बालास पलाऊ पारी नये एतत्लेयरंपार विलोजान लगबा माउली एमय पतलापरंपरेचा बलक विरसम्मा मयलश तेरा इस दिन गतियाम ग्यास वा आप गतियास पि सेवा पेगतियारको महाल सि एवेनऊ मती टाइपनामा एकेक साझसपिय सा वचन Npnew 1393 समार कनकावन वितेक
SR No.650017
Book TitleUvavai Sutra
Original Sutra AuthorSudharmaswami
AuthorKesharvijay
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages211
LanguagePrakrit
ClassificationManuscript & agam_aupapatik
File Size100 MB
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