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मस्तक धरती न लेष्टधवान से से घाय धरापमा
रकम सहित केाधनाको तिन रूप निश्वल स्तनमान निहिरा साखेत याते साध
तिखुत्रो मुद्दाधरपित सिमिवासना ईसिपमतिष्पमित्रा कम
अवंतिया
प्रतिमाद्धरति ंवाकर ही हाघकोमा मस्त किवकाचा भक्त बेवा करान
वनको नमस्कार ऐकण्य केहवा बश्तेलगू धर्म कम विषलाकारान "राजा पिक मितिवचननादिताक 1007 सली सुखान पहि साहरति शत्रा करयल आवक एवंवयासी समीकरणं रहता लगवंताणं श्राग
अलंकारता
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लहार ताविषयी परता उपदेशाविना श्राः खमरुषामादेरुषमाहिसी हमराषा पुरुष माहेरा के कमल पुरुषमाहिव प्रधान घनाक हार पडावात त्रमतियांतला किडा कल्पानेाइति ममानजिक जकाती याला पतितास तेपानीमा 5.5.तिमा रिना
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परिमाणं प्ररित सी होणं परिवरड़रिया परिवरगध
रायणं तियराणं सयस भगवंत यो कसमस्त माहित लोकबरा साजा लोकलव्य लोक तेहनइ तिहांदीवास मानमि जाकगण धरते हषद्योत सर्वत्रघावर पवन नई ने मधु उपरांत भाजनमा वायो निति हताना स्वामाहितता करणार बाधकारवान नाकरण हा कोश का अयदानादात कोनवा ते ही घरवाला इलाम शही 'कनीक हातहा हनीयां लागुनमाण लागताहाणं लाग हिश्राणं लागपवाएं लोग एक गांव दवाएं वापसमकित रूप स्वामातोला प्राणा कर्माधकानावा संयमता वापरात विनिध धर्मनादेश हारक घकते धर्मनानायके वाण नादान मोलमा जवानानादा नादातारत हा मतामिहनादाता हरणा धर्म के वे ला जाषितते ताशसाहत तारातरा हनादातारते रह
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वरकुदया मग्र हयाणं सरणंदेयाणं कायदयाशां बोहिदयाणं धम्मदया धम्मादसयाग ६